RBI New Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा हाल ही में बैंकों से लिए गए लोन या कर्ज के लिए नया फैसला लिया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा देश भर में चल रही पूरी लेनदेन पर नजर रखी जाती है और साथ ही भारतीय मुद्रा को सुरक्षित रखने के लिए समय-समय पर नियमों में बदलाव भी किए जाते हैं। इसी के चलते हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा बैंक से कर्ज लेकर भागने वालों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। अगर आपने भी किसी बैंक से लोन ले रखा है तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। चलिए जानते हैं भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा क्या कदम उठाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नया नियम क्या है?
अगर आपने भी किसी बैंक या मोबाइल ऐप के जरिए लोन या कर्ज लिया हुआ है और आप अपना कर्ज नहीं चुका रहे हैं तो ऐसे में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा नया नियम जारी किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए नए नियम के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के खाते को गैर-निष्पादित संपत्ति (Non-Performing Asset) घोषित किया जाता है तो उसे खाते पर 6 महिनों के अंतराल में “विलफुल डिफॉल्टर” का टैग लगाया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दे की जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले व्यक्ति या कंपनी को ही विलफुल डिफॉल्टर कहा गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नियम की मुख्य बातें
• भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा यह नियम 25 लाख से अधिक कर्ज लेने वालो पर लागू होता है। नए नियम के अनुसार कर्जदार अपनी बात को बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सामने रख सकते हैं।भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस प्रक्रिया को देखने के लिए एक नई समिति का गठन किया जाएगा। बैंक से कर्ज लेने वाले व्यक्ति या कंपनी को 15 दिन का समय दिया जाएगा ताकि वह लिखकर अपना पक्ष रख सकता है। नए नियम के अनुसार कर्जदार को यह सुनिश्चित करना होगा उसने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा गठित की गई समिति कर्जदार की बात नहीं मानती है तो उसे विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जाएगा।
कर्जदारों को भी RBI ने दिए हैं यह अधिकार
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कर्जदारों को भी अपनी बात रखने का मौका दिया गया है।
- कर्जदार को नए नियम के अनुसार 15 दिनों का समय दिया जाएगा।
- कर्जदार लोन नहीं चुकाने पर लिखकर अपना पक्ष रख सकता है।
- कर्जदार को यह साबित करने का अधिकार है कि उसने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाया है।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित की गई समीक्षा समिति कर्जदार की बात सुनेगी।
- समिति कर्जदार के पक्ष पर विचार करेगी और फिर फैसला लेगी।
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